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Lucknow LIVE Updates: कैंसर की दवा से लीक हुआ रेडियोएक्टिव पदार्थ, लखनऊ एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप… खाली कराया जा रहा 1.5 KM एरिया

कार्गो में रेडियोएक्टिव मैटेरियल लीक हुआ है। सूचना मिलने पर सीआईएसएफ पहुंची। इसके बाद एनडीआरएफ को भी बुलाया गया। अभी किसी को भी मौके पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

HIGHLIGHTS

  1. लैब में रखा था रेडियोएक्टिव पदार्थ
  2. एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया
  3. कानपुर रोड पर ट्रैफिक रोका गया

ब्यूरो, लखनऊ (Lucknow Radioactive material leakage)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एयरपोर्ट पर रेडियोएक्टिव मटेरियल लीक होने से शनिवार को हड़कंप मच गया। कार्गो के दो कर्मचारी बेहोश हो गए। खतरे को भांपते हुए एयरपोर्ट के आसपास के डेढ़ किमी एरिया खाली करवाया जा रहा है।

एयरपोर्ट प्रवक्ता ने बताया कि कैंसर की दवा से रेडियोएक्टिव पदार्थ लीक हुआ है। यह घटना एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की है। लखनऊ से गुवाहाटी जा रहे विमान में एक बॉक्स के जरिए कैंसर की दवा भेजी जा रही थी।

लगेज स्कैनर से जांच के दौरान बीप की आवाज सुनाई दी। इसके बाद कैंसर की दवा का बॉक्स खोल दिया गया। इस दौरान रेडियोएक्टिव पदार्थ लीक हो गया। मौके पर मौजूद 2 कार्गो कर्मी बेहोश हो गए।

लीकेज की जानकारी जैसे ही एयरपोर्ट तक पहुंची, यात्रियों में भगदड़ मच गई। आनन-फानन मे टर्मिनल 3 खाली कराकर सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के हवाले कर दिया गया।

पता लगाया जा रहा है कि रेडियोएक्टिव मटेरियल क्या है और कितना खतरनाक हो सकता है। अधिकारी अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि घटनास्थल तक किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। एयरपोर्ट से ही सटा कानपुर रोड़ है, जहां ट्रैफिक रोक दिया गया है।

कितना खतरनाक होते हैं रेडियोएक्टिव पदार्थ

रेडियोएक्टिव या रेडियोधर्मी पदार्थ वो होते हैं, जिनमें से अल्फा, बीटा, गामा किरणें उत्सर्जित करते हैं। अधिकांश रेडियोधर्मी पदार्थ विषैले होते हैं। उनमें उच्च ऊर्जा क्षमता होती है। रेडियोधर्मी सामग्रियों का उपयोग मेडिकल और एनर्जी के क्षेत्र में होता है।

बिहार के गोपालगंज में भी मिला था रेडियोएक्टिव पदार्थ

बीते दिनों बिहार के गोपालगंज में भी रेडियोएक्टिव पदार्थ मिला था। तब भी हड़कंपु मच गया था। पुलिस ने जांच के दौरान यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट से यह रेडियोएक्टिव पदार्थ बरामद किया था , जिसकी अंर्तराष्ट्रीय बाजार में कीमत 850 करोड़ रुपये थी। बिहार एसटीएफ ने इसकी जांच की थी और तार यूपी तक जुड़े थे। मामला की जांच के लिए मुंबई से भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की टीम भी पहुंची थी।

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