सफला एकादशी पर श्री हरि विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग, पूरे होंगे रुके काम!
सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का विधान हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान श्री हरी विष्णु को उनका प्रिय आर्पित करने से सभी रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं.
सफला एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी का व्रत माह में दो बार रखा जाता है. जिसमे से एक शुक्ल पक्ष की और दूसरा कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. लेकिन हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है. जिसमें से पौष माह में आने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है. वही इस दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु को कुछ विशेष चीजों का भोग लगाने से व्यक्ति के रुके हुए काम भी पूरे होते हैं|
कब है सफला एकादशी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार पौष माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 27 दिसंबर रात 12 बजकर 43 मिनट पर होगा. ऐसे में सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर को रखा जाएगा|
विष्णु जी का प्रिय भोग
सफला एकादशी के दिन पूजा में भगवान विष्णु को धनिया की पंजीरी और पंचामृत भोग जरूर लगाना चाहिए. यह भोग भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है. यह मान्यता है कि ऐसा करने से जगत के पालनहार प्रसन्न होते हैं. साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा से पैसों की तंगी से लेकर विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं|
केला और केसर की खीर
सफला एकादशी के दिन पूजा में भगवान विष्णु को पंचामृत और पंजीरी के साथ केले का भोग लगाएं. कहते हैं श्री हरि को केले का भोग लगाने से जीवन में परेशानियां दूर होती है. इसके अलावा जीवन में सुख समृद्धि आती है. साथ ही अशुभ ग्रहों के दुष्प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है|